साईं बावनी

जय ईश्वर जय साईं दयाल, तू ही जगत का पालनहार दत्त दिगंबर प्रभु अवतार, तेरे बस में सब संसार

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Last updated on : Mon, 27-Mar-2023 Hindi-gujarati

जय ईश्वर जय साईं दयाल, तू ही जगत का पालनहार ॥

दत्त दिगंबर प्रभु अवतार, तेरे बस में सब संसार ॥

ब्रह्म्च्युत शंकर अवतार, शरणागत का प्राणधार ॥

दर्शन दे दो प्रभु मेरे, मिटा दो चौरासी फेरे ॥

कफनी तेरी इक साया, झोली काँधे लटकाया ॥

नीम तले तुम प्रकट हुए, फ़कीर बन के तुम आए ॥

कलयुग में अवतार लिया, पतित पावन तुने किया ॥

शिर्डी गाँव में वास किया, लोगों का मन लुभा लिया ॥

चिलम थी शोभा हाथों की, बंसी जैसे मोहन की ॥

दया भरी थी आँखों में, अमृतधारा बातों में ॥

धन्य द्वारका वो माई, समा गए जहाँ साईं ॥

जल जाता है पाप वहां, बाबा की है धुनी जहाँ ॥

भूला भटका मैं अनजान, दो मुझको अपना वरदान ॥

करुणा सिंध प्रभु मेरे, लाखों बैठे दर पे तेरे ॥

अग्निहोत्री शास्त्री को, चमत्कार तुने दिखलाया ॥

जीवनदान शामा पाया, ज़हर सांप का उतराया ॥

प्रलयकाल को रोक लिया, भक्तो को भय मुक्त किया ॥

महामारी को बेनाम किया, शिर्डी पूरी को बचा लिया ॥

प्रणाम तुझको मेरे ईश, चरणों में तेरे मेरा शीश ॥

मन की आस पूरी करो, भव सागर से पार करो ॥

भक्त भीमाजी था बीमार, कर बैठा था सौ उपचार ॥

धन्य साईं की पवित्र उदी, मिटा गयी उसकी क्षय व्याधि ॥

दिखलाया तुने विट्ठल रूप, काका जी को स्वयं स्वरुप ॥

दामू को संतान दिया, मन उसका संतुष्ट किया ॥

कृपानिधि अब कृपा करो, दीनदयालु दया करो ॥

तन मन धन अर्पण तुमको, दे दो सद्दगति प्रभु मुझको ॥

मेधा तुझको ना जाना था, मुस्लिम तुमको माना था ॥

स्वयं तुम बन के शिव शंकर, बना दिया उसको किंकर ॥

रौशनाई की चिरागों से, तेल के बदले पानी से ॥ 

जिसने देखा आँखों हाल, हाल हुआ उसका बेहाल ॥

चाँद भाई था उलझन में, घोड़े के कारण मन में ॥

साईं ने की ऐसी कृपा, घोड़ा फिर से पा सका ॥

श्रद्धा सबुरी मन में रखो, साईं साईं का नाम रटो ॥

पूरी होगी मन की आस, कर लो साईं का नित्य ध्यान ॥

जान के खतरा तात्या का, दान दी अपनी आयु का ॥

ऋण बायजा का चुका दिया, तुने साईं कमाल किया ॥

पशु पक्षी पर तेरी लगन, प्यार में तुम थे उनके मगन ॥

सब पर तेरी रहम नज़र, लेते सब की खुद ही खबर ॥

शरण में तेरे जो आया, तुने उसको अपनाया ॥

दिए हैं तुने ग्यारह वचन, भक्तों के प्रति लेकर आना ॥

कण कण में तू है भगवान, तेरी लीला शक्ति महान ॥

कैसे करूँ तेरे गुणगान, बुद्धिहीन मैं हूँ नादान ॥

दीन दयालु तुम हो दाता, हम सबके तुम हो भ्राता ॥

कृपा करो अब साईं मेरे, चरणों में लो अब तुम्हारे ॥

सुबह शाम साईं का ध्यान, साईं लीला के गुणगान ॥

 दृढ़ भक्ति से जो गायेगा, परम पद को वह पायेगा ॥

हर दिन सुबह और शाम को, गाये साईं बावनी को ॥

साईं देंगे उसका साथ, लेकर हाथों में हाथ ॥

अनुभव तृप्ति के यह बोल, शब्द बढे हैं ये अनमोल ॥

यकीन जिसने मान लिया, जीवन उसने सफल किया ॥

साईं शक्ति विराट स्वरुप, मनमोहक साईं का रूप ॥

गौर से देखो तुम भाई, बोलो जय सदगुरु साईं ॥